5 Simple Statements About apsara sadhna Explained
5 Simple Statements About apsara sadhna Explained
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माँ बगलामुखी शत्रु विनाशक कवच – शत्रु बाधा, कोर्ट केस व तंत्र से सुरक्षा के लिए
ध्यान और मंत्र साधना: साधकों को ध्यान और मंत्र साधना के माध्यम से अप्सरा देवियों के संग संवाद करने का अभ्यास कराया जाता है। ध्यान में साधक अप्सरा देवियों के रूप, गुण, और स्वरूप का ध्यान करते हैं और मंत्र जाप के द्वारा उनके संग संवाद करने का प्रयास करते हैं।
कुशासन, रेशमी आसन, ऊनी आसन, म्रगचर्म आसन या व्याघ्र चर्म आसन में से साधना के अनुकूल आसन का चयन करें।
Nevertheless, with comprehensive resolve, perseverance, pure intentions and with the betterment of your daily life, it is possible to undoubtedly do Apsara Sadhana and invoke an Apsara to give you the results you want.
इन दुष्परिणामों का सामना करने के लिए, व्यक्ति को समझदारी से साधना का अभ्यास करना चाहिए और आध्यात्मिक गुरु या आध्यात्मिक संस्थान की मार्गदर्शन में रहना चाहिए। अप्सरा साधना को समझने और इसके प्रभावों का सही अनुमान लगाने के लिए, समर्थन और संबंधित जानकारी की आवश्यकता होती है।
Prior to embarking on Apsara Sadhana, it is vital to consult experienced practitioners or tantrics who can offer advice and assist. Astrologer Ayush Rudhra Ji focuses on spiritual techniques and can help you navigate this sophisticated terrain safely and securely.
साधना के दौरान दिशा का ध्यान रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
शिव-उपासना में रुद्राक्ष की माला और यंत्र का प्रयोग करें।
आत्म-विकास और स्थिरता: अप्सरा साधना साधक को आत्म-विकास और स्थिरता की ओर ले जाती है। यह साधना उसे आत्मिक शक्ति और शांति का अनुभव कराती click here है जो कि उसकी जीवन में सुख और समृद्धि लाती है।
लक्ष्मी उपासना में कमल गट्टे की माला का प्रयोग करें।
सौतन से छुटकारा पाने का मंत्र – पति को पराई स्त्री से दूर करें
अप्सरा के रूप में विभिन्न श्रेणियां और विशेषताएं होती हैं, जैसे कि:
इसके प्रभाब से पुरूष स्त्री कोई भी हो उसे काम युद्ध में कोई जीत नहीं सकता । यह देबी सुख- शान्ति और समृद्धि प्रदान करती है ।
चारित्र: अप्सराएं प्रेम, सौंदर्य, और आकर्षण के प्रतीक के साथ-साथ धर्म, शांति, और सेवा के भाव का प्रतीक भी होती हैं। उन्हें प्रेम की देवी के रूप में भी प्रस्तुत किया जाता है।